इंदौर
कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमें को खुश करने का एक नया रास्ता कांग्रेस ने खोज लिया है. वो सिंधिया को मध्य प्रदेश कोटे से राज्यसभा में भेजने की तैयारी में है. इस एक रास्ते से कई समस्याओं का हल निकल आएगा. सिंधिया को सम्मान के साथ संसद और देश की राजनीति में शिफ्ट कर दिया जाएगा. साथ ही मध्य प्रदेश में उनके समर्थकों को खुश और शांत कर सरकार आसानी से चलायी जा सकेगी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने की तैयारी कांग्रेस कर रही है. 9 अप्रैल 2020 को मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा की सीटें खाली हो रही हैं.कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इन तीन सीट में से दो कांग्रेस को मिलना तय माना जा रहा है. इन्हीं में से एक सीट पर कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने की तैयारी है.
लोकसभा चुनाव हार चुके कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस पार्टी संसद में भेजने की तैयारी है. लेकिन इस बार सदन बदल जाएगा. उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी है, ताकि सिंधिया गुट को संतुष्ट किया जा सके. साथ ही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार सुचारू रूप से चल सके. इस सारे गणित और समीकरण को देखते हुए सिंधिया को राज्यसभा सदस्य बनाया जा सकता है.
सज्जन सिंह ने सिंधिया की शान में कही ये बात
सीएम कमलनाथ के सबसे खास और राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इस चर्चा का स्वागत करते हुए कहा सिंधिया जैसा कैलीबर वाला नेता ऐसी जगह रहना चाहिए जो इस देश और प्रदेश के लिए आवाज बुलंद कर सके.उन्होंने हाईकमान को भी सलाह दी कि वो ऐसे नेताओं को ज़रूर लाइम लाइट में रखें जिनमें कुछ कर गुजरने की क्षमता है.
हम साथ-साथ हैं
ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ के साथ साथ दिखने से इन चर्चाओं को और बल मिल गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने की तैयारी चल रही है. अगले साल मध्यप्रदेश के कोटे की राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही हैं. इन्हीं में से एक सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को सांसद बनाकर उच्च सदन में भेजा जा सकता है. सिंधिया इस साल हुए लोकसभा चुनाव हार गए हैं. पार्टी उन्हें फिर से सांसद बनाना चाह रही है. इसलिए हो सकता है आगामी अप्रैल में वो राज्यसभा सदस्य के रूप में दिखाई दें.झारखंड चुनाव में स्टार प्रचारक रहे सिंधिया
मध्यप्रदेश की अपनी पारंपरिक गुना शिवपुरी लोकसभा सीट हारने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सितारे गर्दिश में हैं. उनके पास एमपी में कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी के लिए वो लगातार संघर्ष कर रहे हैं. हालांकि चुनाव हारने के बाद सिंधिया को पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था और अभी हाल ही में ही उन्होंने झारखंड में कांग्रेस का चुनाव प्रचार किया था. उनका नाम कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची में था. झारखंड चुनाव के बाद इंदौर पहुंचे सिंधिया ने कहा था कि इस बार झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनेगी और हुआ भी वही. झारखंड में कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिल गया है. इसमें सिंधिया की मेहनत भी शामिल है.
2020 में हो रही 3 राज्य सभा की सीटें
मध्यप्रदेश में 9 अप्रैल 2020 को राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इन तीन सीटों में से दो सीटें कांग्रेस का मिलना तय मानी जा रही हैं. इस बार एमपी में कांग्रेस की सरकार है इसलिए दो सीटें मिलना तय हैं. इन्हीं में से एक सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया को देने की तैयारी चल रही है. अब से दो महिने बाद मार्च 2020 में राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी और अप्रैल के पहले सप्ताह में चुनाव संपन्न हो जाएंगे.
नयी रणनीति
कांग्रेस आलाकमान के पास ज्योतिरादित्य सिंधिया को एमपी में सेट करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष का पद है. लेकिन मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी जाती है तो राज्य में दो पावर सेंटर हो जाएंगे.ऐसे में आए दिन की खटपट से बचने के लिए कांग्रेस चाहती है कि सिंधिया को राज्यसभा में भेज कर उन्हें फिर से केन्द्र की राजनीति में शिफ्ट कर दिया जाए. इससे मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार स्मूथली चल सके और अपना पांच साल का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा कर सके.